इसे सुनेंरोकेंआपको बता दें कि मथुरा के बरसाना मंदिर में स्थित श्रीजी यानी राधा रानी का मंदिर है. ब्रह्मचल पर्वत पर बना यह मंदिर विश्व भर में प्रसिद्ध है.
बरसाना का पुराना नाम क्या है?
इसे सुनेंरोकेंइसका प्राचीन नाम वृषभानुपुर है। इसके आसपास के शहर हैं : मथुरा, भरतपुर, खैर आदि।
राधा जी कौन से गांव की रहने वाली थी?
इसे सुनेंरोकेंमथुरा. राधा जी के बारे में प्रचलित है कि वह बरसाना की थीं। लेकिन, हकीकत है कि उनका जन्म बरसाना से 50 किलोमीटर दूर हुआ था। यह गांव रावल के नाम प्रसिद्ध है।
राधा रानी का असली नाम क्या है?
इसे सुनेंरोकेंराधा का पुराना नाम : पद्म पुराण के अनुसार राधा वृषभानु नामक वैष्य गोप की पुत्री थीं। उनकी माता का नाम कीर्ति था। राधा का पहला नाम वृषभानु कुमारी था।Cached
राधा रानी अभी कहां है?
इसे सुनेंरोकेंगर्ग संहिता और ब्रह्म वैवर्त पुराण के अनुसार, राधा ने भी कृष्ण के प्रस्थान के बाद अपना घर छोड़ दिया और बरसाना में अपने मायावी रूप (जिसे छाया राधा भी कहा जाता है) को पीछे छोड़ते हुए कदली वन (जंगल) चली गईं।
राधा बरसाना में कहां रहती थी?
इसे सुनेंरोकेंहालाँकि, मथुरा के राजा कंस के अत्याचारों से तंग आकर वे दोनों अपनी प्रजा के साथ नंदगाँव और बरसाना में चले गए। नंदा ने नंदीश्वर पहाड़ी को अपना घर बनाया और वृषभानु ने भानुगढ़ पहाड़ी को अपना स्थायी निवास स्थान बनाया, जो अंततः राधा का निवास स्थान भी बन गया।
राधा कौन सी जाति है?
इसे सुनेंरोकेंबिना सूत्रों की सामग्री को चुनौति देकर हटाया जा सकता है। राधा भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में पाई जाने वाली एक हिंदू जाति है। वे हिंदू धर्म के राधावल्लभ संप्रदाय के अनुयायी हैं, जो एक विशिष्ट जाति के रूप में विकसित हुए हैं। उनकी परंपरा के अनुसार, समुदाय मूल रूप से बरसाना के अहीर हैं।
राधा जी की जाति क्या थी?
इसे सुनेंरोकेंराधा जी बरसाने की थी यादव समाज से थी.
रानी का पसंदीदा स्थान कहाँ था?
राधा का असली पति कौन था?
इसे सुनेंरोकेंशास्त्रों के अनुसार ब्रह्माजी ने वृन्दावन में श्री कृष्ण के साथ साक्षात श्री राधा का विधिपूर्वक विवाह भांडीरवन मे संपन्न कराया था। इस विवाह का उल्लेख ब्रह्मवैवर्त पुराण और गर्ग संहिता में भी मिलता है। बृज में आज भी माना जाता है कि राधा के बिना कृष्ण अधूरे हैं और कृष्ण बिना श्री राधा।
राधा रानी कैसे मरी थी?
इसे सुनेंरोकेंश्रीकृष्ण ने दिन-रात बांसुरी बजाई, जब तक राधा आध्यात्मिक रूप से कृष्ण में विलीन नहीं हो गईं. बांसुरी की धुन सुनते-सुनते राधा ने अपने शरीर का त्याग कर दिया. हालांकि भगवान कृष्ण जानते थे कि उनका प्रेम अमर है, बावजूद वे राधा की मृत्यु को बर्दाश्त नहीं कर सके.
राधा पृथ्वी पर कितने वर्ष रही?
इसे सुनेंरोकेंवह भगवान कृष्ण की प्रेमिका थी। देवी राधा 5000 साल पहले मथुरा में स्थित बरसाना गांव में पृथ्वी पर अवतरित हुई थीं। ऐसा माना जाता है कि वह वृषभानु और कीर्ति की गोद ली हुई बेटी थी। राधा अष्टमी को राधा जयंती के रूप में भी मनाया जाता है।
कृष्ण यादव है या ठाकुर?
इसे सुनेंरोकेंपौराणिक कथाओं मेंयादव समुदाय के मूल में वंश का एक विशिष्ट लोक सिद्धांत निहित है, जिसके अनुसार सभी भारतीय देहाती जातियाँ यदु वंश (इसलिए यादव लेबल) से आती हैं, जिसमें कृष्ण (एक चरवाहा, और कथित तौर पर एक क्षत्रिय) थे। …
राधा पहले किसकी पत्नी थी?
राधा
श्री राधा | |
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जीवनसाथी | श्री कृष्ण |
माता-पिता | वृषभानु (पिता), कीर्ति देवी (माँ) |
सवारी | कमल और सिंहासन |
शास्त्र | पद्म पुराण, ब्रह्मवैवर्त पुराण, स्कन्द पुराण, मत्स्य पुराण, गीत गोविंद, गर्ग संहिता, शिव पुराण, लिंगपुराण, वाराह पुराण, नारदपुराण |
राधा के कितने पति थे?
इसे सुनेंरोकेंराधा जी के पति का क्या नाम था? – Quora. गर्ग संहिता के मुताबिक़ भगवान कृष्ण और राधा की शादी स्वयं परमपिता ब्रम्हा ने करवाई थी । इतर एक कहानी और है जिसके अनुसार राधारानी का विवाह भगवान कृष्ण से ना हो कर अभिमन्यु से हुआ।
यादव के वंशज कौन थे?
इसे सुनेंरोकेंयदुवंशी अहीर कृष्ण के प्राचीन यादव जनजाति के वंशज माने जाते हैं। यदुवंशियो की उत्पत्ति पौराणिक राजा यदु से मानी जाती है। वे टॉड की 36 राजवंशो की सूची में भी शामिल हैं। विभिन्न हिंदू धर्मग्रंथों और पुराने लेखों से संकेत मिलता है कि भारत में उनकी मौजूदगी 6000 ई.
श्री कृष्ण कौन थे अहीर या राजपूत?
इसे सुनेंरोकेंदरअसल श्रीकृष्ण का जन्म यदुवंशी क्षत्रियों में हुआ था,परिस्थितिवश उनका लालन पालन गोकुल में आभीर ग्वालों के बीच हुआ था,जबकि उन ग्वालो का यदुवंश से कोई सम्बन्ध नही था। आज के जादौन, भाटी, जाड़ेजा, चुडासमा, सरवैया, रायजादा,सलारिया, छोकर, जाधव राजपूत ही श्रीकृष्ण के वास्तविक वंशज हैं ।
सुदामा जी किसका अवतार है?
इसे सुनेंरोकेंइसके चलते सुदामा का जन्म राक्षसराज दम्भ के यहां शंखचूण के रूप में हुआ। पृथ्वी पर शंखचूड़ का तुलसी से विवाह हुआ। शंखचूड़ ब्रम्हा जी का भक्त था। उसने तपस्या करके ब्रम्हा जी से अजेय होने का वरदान हासिल कर लिया था।