इसे सुनेंरोकेंभारतीय रेलवे में बाकी सभी चीजों की तरह लोकोमोटिव के हॉर्न की शक्ति के लिए भी RDSO (अनुसंधान अभिकल्प एवं मानक संगठन, लखनऊ) द्वारा विनिर्देश जारी किए जाते हैं। यह '20 डिग्री सेल्शियस के तापमान पर स्थिर हवा में 3.5 किलोमीटर तक सुनाई देना चाहिए। ट्रेन हॉर्न के लिए अधिकतम वॉल्यूम स्तर 110 डेसिबल है जो एक नई आवश्यकता है।
रेलगाड़ी अलग अलग हॉर्न क्यों देती है?
इसे सुनेंरोकेंतीन छोटे हॉर्न का संकेत एमरजेंसी की स्थिति में दिया जाता है. ऐसे में लोको पायलट हॉर्न बजाकर गार्ड को इशारा देता है कि उसका ट्रेन से कंट्रोल खत्म हो गया है और गार्ड तत्काल वैक्यूम ब्रेक लगाकर ट्रेन को रोके. ट्रेन में तकनीकी खराबी आने पर लोको पायलट चार छोटे हॉर्न का इस्तेमाल करता है.
ट्रेन का हॉर्न इतना तेज क्यों होता है?
इसे सुनेंरोकेंइसका प्राथमिक उद्देश्य व्यक्तियों और जानवरों को आने वाली ट्रेन के प्रति सचेत करना है, खासकर जब एक लेवल क्रॉसिंग के करीब पहुंच रहा हो। वे अक्सर अत्यधिक तेज़ होते हैं, जिससे उन्हें दूर से भी सुना जा सकता है । इनका उपयोग रेल कर्मचारियों द्वारा दिए गए संकेतों को स्वीकार करने के लिए भी किया जाता है, जैसे कि स्विचिंग ऑपरेशन के दौरान।
ट्रेन में कितने होरन होते हैं?
इसे सुनेंरोकेंट्रेन में 11 तरह के हॉर्न बजते हैं, लेकिन अक्सर लोगों को इसके बारे में जानकारी नहीं होती है. Train Horn Meaning: पटरी पर दौड़ते हुए ट्रेन कई बार हॉर्न देती है. ये हॉर्न दूर-दूर तक सुनाई देता है. आपने भी जरूर सुना होगा.
रेलवे स्टेशन पर सुनाई देने वाली आवाज किसकी है?
इसे सुनेंरोकेंहालांकि, अब भी देश भर के रेलवे स्टेशनों पर सरला चौधरी की आवाज का इस्तेमाल किया जाता है. उनकी आवाज में ही अलग-अलग स्टेशन, ट्रेन या प्लेटफॉर्म के नाम अलग से जोड़े जाते हैं. सरला चौधरी सेंट्रल रेलवे में अनाउंसर के तौर पर भर्ती हुईं थी.
क्या आप आने वाली ट्रेन सुन सकते हैं?
इसे सुनेंरोकें“लोग मानते हैं कि ट्रेनें तेज़ आवाज़ में हैं, लेकिन यह धारणा इस तथ्य पर आधारित है कि जब कोई ट्रेन किसी स्टेशन पर उनके सामने से गुज़रती है तो शोर होता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि ट्रेन जो शोर करती है वह मुख्य रूप से दोनों ओर प्रक्षेपित होती है। जब रेलगाड़ियाँ सीधे आपकी ओर बढ़ रही होती हैं तो वे बमुश्किल सुनाई देती हैं – जब तक कि बहुत देर न हो जाए।
ट्रेन की आवाज को क्या कहते हैं?
इसे सुनेंरोकेंथर्मल विस्तार की अनुमति देने के लिए रेल में अंतराल के परिणामस्वरूप पारंपरिक क्लिकटी-क्लैक ध्वनियां उत्पन्न होती हैं। अधिकांश रेलवे पर, अंतराल एक-दूसरे के विपरीत होते हैं और यदि गाड़ियां रेल की लंबाई के बराबर होती हैं, तो एक समान क्लिक जैसी ध्वनि उत्पन्न होती है।
कोई ट्रेन लगातार हार्न क्यों बजाएगी?
रेलगाड़ी का असली नाम क्या है?
इसे सुनेंरोकेंट्रेन को हिंदी में 'लौह पथ गामिनी' कहते हैं. इसके अलावा इसे आसान भाषा में रेलगाड़ी भी कह देते हैं. लेकिन रेलगाड़ी हिंदी और अंग्रेजी का मिश्रित शब्द है. दरअसल, ट्रेन लोहे की पटरी पर चलती है और इसलिए इसे 'लौह पथ गामिनी' कहा जाता है.
भारत में कौन सी ट्रेन सबसे तेज गति से चलती है?
इसे सुनेंरोकेंवंदे भारत एक्सप्रेसयह ट्रेन लोकोमोटिव लैस ट्रेन है, जिसका संचालन विभिन्न रूटों पर किया जाता है। इसकी टॉप स्पीड 180 किलोमीटर प्रतिघंटा है, लेकिन इसे 160 किलोमीटर प्रतिघंटा तक की रफ्तार से दौड़ाया गया है। नई दिल्ल से भोपाल जाने वाली वंदे भारत एक्स्प्रेस सबसे तेज चलने वाली ट्रेन मानी जाती है।
ट्रेन का पहिया कितने वजन का होता है?
इसे सुनेंरोकेंभारतीय रेल के लाल रंग के एलएचबी कोच के एक पहिये का वजन करीब 326 किलो होता है. जबकि, सामान्य ट्रेनों के डिब्बे में लगे एक पहिये का वजन 384 से 394 किलो तक होता है. आपको बता दें कि EMU ट्रेन के डिब्बों के एक पहिये का वजन लगभग 423 किलो होता है. डीजल इंजन में लगे एक पहिये का वजन लगभग 528 किलो होता है.
रेलवे स्टेशन पर बोलने वाली महिला कौन है?
इसे सुनेंरोकेंRailway Fact: रेलवे स्टेशन पर सुनाई देने वाली यह आवाज सरला चौधरी की है. सरला इस नौकरी में दैनिक मजदूरी के आधार पर शामिल हुईं थी यानी की भर्ती के समय वो रेलवे में अस्थाई कर्मचारी थीं.
स्टेशन पर बोलने वाली महिला कौन है?
इसे सुनेंरोकेंइस आवाज की पीछे का नाम है सरला चौधरी। भले ही आज वे रेलवे में अनाउंसर के पद पर नहीं हैं, लेकिन उनकी आवाज आज भी काम कर रही है। सरला ने 1982 में रेलवे में अनाउंसर के तौर पर दिहाड़ी पर काम करना शुरू किया था।
क्या होगा अगर ट्रेन का ड्राइवर सो जाए?
इसे सुनेंरोकेंआपको बता दें कि हर ट्रेन में हमेशा 2 ड्राइवर होते हैं, जिसमें से एक लोको पायलट और दूसरा असिस्टेंट लोको पायलट होता है. ऐसे में अगर मेन लोको पायलट को नींद आने लगे तो दूसरा असिस्टेंट लोको पायलट ट्रेन की कमान अपने हाथ में ले लेता है. अगर कोई इमरजेंसी हो तो वह मेन लोको पायलट को जगा देता है.
क्या ट्रेन के इंजन कभी बंद नहीं होते?
इसे सुनेंरोकेंहर डीजल इंजन में एक बैटरी लगी होती है. जिसका चार्ज रहना बहुत जरूरी होता है और ये बैटरी तभी चार्ज होती है जब इंजन चालू रहता है. इस बैटरी के चार्ज न होने पर ट्रेन का लोको मोटिव सिस्टम फेल हो सकता है. इन सभी कारणों की वजह से ट्रेन का इंजन हमेशा ऑन ही रखा जाता है.
दुनिया की सबसे तेज ट्रेन कौन सी स्पीड है?
इसे सुनेंरोकेंअगस्त 2022 तक, अपनी रिकॉर्ड गति के आधार पर, पृथ्वी पर सबसे तेज़ ट्रेन जापानी L0 सीरीज़ मैग्लेव है, जिसकी रिकॉर्ड गति 603 किलोमीटर प्रति घंटा है ।