इसे सुनेंरोकेंयदि रेलगाड़ियों को एक ही समय में ट्रैक के एक ही हिस्से पर कब्जा करने की अनुमति नहीं दी जाती है तो वे एक-दूसरे से नहीं टकरा सकतीं, इसलिए रेलवे लाइनों को खंडों में विभाजित किया जाता है जिन्हें ब्लॉक के रूप में जाना जाता है। सामान्य परिस्थितियों में, प्रत्येक ब्लॉक में एक समय में केवल एक ट्रेन की अनुमति होती है। यह सिद्धांत अधिकांश रेलवे सुरक्षा प्रणालियों का आधार बनता है।
ट्रेनों को टकराने से क्या रोकता है?
इसे सुनेंरोकेंट्रेनों में उपयोग की जाने वाली टक्कर-रोधी प्रणाली को आमतौर पर ट्रेन टक्कर बचाव प्रणाली (टीसीएएस) या ट्रेन सुरक्षा और चेतावनी प्रणाली (टीपीडब्ल्यूएस) के रूप में जाना जाता है। इसका प्राथमिक उद्देश्य रेलवे ट्रैक पर टकराव को रोकना और सुरक्षा बढ़ाना है।
ट्रेनें क्यों टकराती हैं?
इसे सुनेंरोकेंसिग्नलिंग विफलता के कारण ट्रेनें गलत ट्रैक पर चल सकती हैं, अन्य ट्रेनों या स्थिर वस्तुओं से टकरा सकती हैं, या स्टेशनों से आगे निकल सकती हैं। उदाहरण के लिए, ओडिशा में हाल ही में हुई ट्रेन दुर्घटना कथित तौर पर इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग में बदलाव के कारण हुई थी, जिसके बारे में ड्राइवरों को ठीक से सूचित नहीं किया गया था।
सबवे ट्रेनें कैसे नहीं टकरातीं?
ट्रेनें कैसे मुड़ती हैं?
इसे सुनेंरोकेंट्रेन के डिब्बे के प्रत्येक तरफ के पहिये एक धातु की छड़ से जुड़े होते हैं जिसे एक्सल कहा जाता है। यह धुरी ट्रेन के दो पहियों को एक साथ गतिमान रखती है, जब ट्रेन चलती है तो दोनों एक ही गति से घूमते हैं। यह निर्माण सीधी पटरियों के लिए बहुत अच्छा है।
ट्रेन रात के समय तेज क्यों चलती है?
इसे सुनेंरोकेंदरअसल, रात में ट्रेन की स्पीड बढ़ जाने के पीछे पहली वजह यह है कि रात में रेलवे ट्रैक पर आवाजाही की गुंजाइश ना के बराबर होती है. रात के समय में रेलवे ट्रैक पर इंसानों और जानवरों की आवाजाही नहीं होती है. इसके अलावा रात में रेलवे ट्रैक पर कोई मेंटेनेंस का काम भी नहीं होता है. इसके चलते रात में ट्रेन की स्पीड अधिक रहती है.
ट्रेनों को क्या घुमाता है?
इसे सुनेंरोकेंरेल शब्दावली में, रेलवे टर्नटेबल या व्हीलहाउस रेलवे रोलिंग स्टॉक, आमतौर पर लोकोमोटिव को मोड़ने के लिए एक उपकरण है, ताकि उन्हें उसी दिशा में वापस ले जाया जा सके जहां से वे आए थे।
दुनिया का सबसे घातक ट्रेन हादसा कौन सा है?
इसे सुनेंरोकें2004 की श्रीलंका सुनामी ट्रेन दुर्घटना इतिहास में दर्ज सबसे घातक ट्रेन दुर्घटना है, जिसमें कम से कम 1,700 लोगों की जान चली गई। यह घटना 2004 के हिंद महासागर में आए भूकंप के कारण आई विनाशकारी सुनामी का परिणाम थी, जिसने रेलवे के बुनियादी ढांचे को गंभीर नुकसान पहुंचाया था।