मुझे रात में ट्रेन की आवाज क्यों सुनाई देती है?

इसे सुनेंरोकेंइसका संबंध जमीन के ठीक ऊपर तापमान व्युत्क्रमण की ऊंचाई और ताकत से है । साफ़, शांत रातों में, ऊपर की तुलना में ज़मीन पर अधिक ठंडक होती है। जब हवा ऊंचाई के साथ गर्म होती है तो तापमान में व्युत्क्रमण होता है। ध्वनि ठंडी हवा की तुलना में गर्म हवा में तेजी से चलती है।

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ट्रेन शोर क्यों करती है?

इसे सुनेंरोकेंसूत्र. ट्रेन के विभिन्न हिस्सों, जैसे इंजन, ट्रैक्शन मोटर, ब्रेक और पटरियों पर घूमते पहियों द्वारा कई अलग-अलग ध्वनियाँ बनाई जाती हैं। पहिए और रेल की सतहों पर खुरदरापन और अनियमितताएं शोर और कंपन का एक स्रोत हैं।

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क्या आप आने वाली ट्रेनों को सुन सकते हैं?

इसे सुनेंरोकेंफिडलर ने कहा, जबकि एक लोकोमोटिव ट्रेन की आवाज लगभग 90-95 डेसिबल होती है, इसका हॉर्न 140 डेसिबल तक पहुंच सकता है। "हालांकि आप सोच सकते हैं कि आप ट्रेन के आने की आवाज़ सुनेंगे, लेकिन ऐसा मत सोचिए कि आप ऐसा करेंगे, आपको यह समझने की ज़रूरत है कि कान कैसे ध्वनि सुनता है और उस समय आप किस विकर्षण का अनुभव कर रहे हैं," उन्होंने कहा।

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जब कोई ट्रेन नहीं है तो मुझे ट्रेन की आवाज़ क्यों सुनाई देती है?

ट्रेन की आवाज कितने किलोमीटर तक सुनाई देती है?

इसे सुनेंरोकेंयह '20 डिग्री सेल्शियस के तापमान पर स्थिर हवा में 3.5 किलोमीटर तक सुनाई देना चाहिए। ट्रेन हॉर्न के लिए अधिकतम वॉल्यूम स्तर 110 डेसिबल है जो एक नई आवश्यकता है। न्यूनतम ध्वनि स्तर 96 डेसिबल रहता है। साथ ही ट्रेन के हॉर्न की दूरी अलग अलग भौगोलिक स्थितिओं पर भी निर्भर करता है।

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ट्रेन की आवाज कहां से आती है?

इसे सुनेंरोकेंव्हील ट्रेड और रेलहेड पर अनियमितताएं पहियों और रेलों के कंपन को उत्तेजित करती हैं जिसके बाद शोर का उत्सर्जन होता है। इसे रोलिंग शोर कहा जाता है और यह मालगाड़ियों के लिए एक बड़ी समस्या है जो अक्सर रात में चलती हैं।

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ट्रेन कितने स्पीड में चलती है?

इसे सुनेंरोकेंभारत में चलने वाली हाई स्पीड ट्रेनों की रफ्तार 130 से 180 किलो मीटर प्रति घंटे की है। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि दुनिया के अलग-अलग देशों में ऐसी ट्रेनें भी है, जो पटरियों पर दौड़ती है तो उसे देख पाना भी आसान नहीं होता। इन ट्रेनों की रफ्तार इतनी होती है कि चंद सेकेंड में आंखों के सामने से गायब हो जाती है।

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