इसे सुनेंरोकेंस्लीपर क्लास भारतीय रेलवे का सबसे आम कोच है, आमतौर पर इस तरह के दस या अधिक कोच एक ट्रेन में जोड़े जाते हैं। इस कोच में चौड़ाई में तीन बर्थ होती हैं और दो लम्बाई में होती हैं, इसमें यात्रियों के लिए 72 सीटें होती हैं।
स्लीपर बर्थ का नियम क्या है?
इसे सुनेंरोकेंनियम के मुताबिक रात 10 बजे से लेकर सुबह 6 बजे तक के समय में आप इन यात्रियों को उनकी बर्थ पर जाने को कह सकते हैं. ऐसे ही अगर दिन के समय मिडिल बर्थ का कोई यात्री अपनी बर्थ खोलता है, तो आप उसे मना कर सकते हैं. कोई भी यात्री अपनी सीट, डिब्बे या कोच में तेज आवाज में मोबाइल पर बात नहीं कर सकता.
क्या स्लीपर ट्रेन में शॉवर है?
एसी और स्लीपर में क्या अंतर है?
इसे सुनेंरोकेंदरअसल, इस कोच की बर्थ में आमने सामने 2-2 ही सीट होती है. जैसे आपने देखा होगा कि स्लीपर में आमने-सामने 3-3 सीट होती हैं और साइड बर्थ में दो सीट होती है. लेकिन, सेकेंड एसी में एक अपर बर्थ और एक लॉअर बर्थ होती है. इसमें मिडिल बर्थ नहीं होती है.
स्लीपर कोच में सोने का समय क्या है?
इसे सुनेंरोकेंअब नए नियम के मुताबिक स्लीपर क्लास और एसी-3 क्लास के यात्रियों को रात 10 बजे से लेकर सुबह 6 बजे तक सोना है अगर आप इससे ज्यादा देर तक सोते हैं और आपके सहयात्री को इससे परेशानी होती है तो आप पर जुर्माना भी किया जा सकता है। सुबह 6 बजे के बाद आपको बर्थ खाली करनी ही पड़ेगी।
हम स्लीपर क्लास में कब सो सकते हैं?
इसे सुनेंरोकेंआप अपनी बर्थ पर रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक ही सो सकते हैं। आप अपनी बर्थ को सोने की इस अवधि से अधिक ऊपर नहीं रख सकते।