इसे सुनेंरोकेंझंडे के हर रंग का होता है अपना मतलबजिनमें से लाल रंग अग्नि का प्रतीक होता है, नीला और सफेद रंग हवा का, पीला रंग पृथ्वी का और हरा रंग पानी का प्रतीक है.
झंडा उतारने का समय क्या है 2023?
इसे सुनेंरोकेंसूर्योदय से सूर्यास्त तक ही ध्वजारोहण कर सकते हैं. सूर्यास्त यानी शाम होने के बाद तिरंगे को उतार देना चाहिए.
26 जनवरी को झंडा फहराने को क्या कहते हैं?
इसे सुनेंरोकेंध्वज को ऊपर की तरफ खींचकर फहराया जाता है और इसको ध्वजारोहण कहते हैं. अंग्रेजी में इसे Flag Hoisting कहते हैं. दूसरी तरफ गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रीय ध्वज ऊपर बंधा रहता है और उसको खोलकर फहराते हैं और इसे झंडा फहराना कहा जाता है. अंग्रेजी में Flag Unfurling कहते हैं.
झंडे पर सफेद रंग का क्या अर्थ है?
इसे सुनेंरोकेंइसमें केसरिया रंग का अर्थ साहस और बलिदान होता है सफेद रंग शांति का प्रतीक है वही हरा रंग उर्वरता और समृद्धि को दर्शाता है श्वेत रंग की पट्टी में नीले रंग का चक्र धर्म चक्र को बताता है। भारतीय झंडे की अभिकल्पना पिंगली वेंकैया के द्वारा की गई थी।
तिरंगे का दूसरा नाम क्या है?
इसे सुनेंरोकेंभारत के राष्ट्रीय ध्वज जिसे तिरंगा भी कहते हैं, तीन रंग की क्षैतिज पट्टियों के बीच नीले रंग के एक चक्र द्वारा सुशोभित ध्वज है।
घर पर तिरंगा कब तक लगा सकते हैं?
इसे सुनेंरोकेंराष्ट्रीय ध्वज तिरंगे के सम्मान के लिए इन नियमों का पालन करना बेहद जरूरी है। 'फ्लैग कोड ऑफ इंडिया 2002' (भारतीय ध्वज संहिता) नाम के एक कानून में तिरंगे को फहराने के नियम निर्धारित किए गए हैं। 1. खुले में 24 घंटे तक तिरंगा फहरा सकते हैं।
झंडा उतारने का सही समय क्या है?
इसे सुनेंरोकेंसरकारी भवन पर ध्वज रविवार और अन्य छुट्टियों के दिनों में भी सूर्योदय से सूर्यास्त तक फहराया जाता है, विशेष अवसरों पर इसे रात को भी फहराया जा सकता है। ध्वज को सदा स्फूर्ति से फहराया जाए और धीरे-धीरे आदर के साथ उतारा जाए।
झंडा उल्टा कब लगाया जाता है?
इसे सुनेंरोकेंझंडा फहराना- 26 जनवरी यानी गणतंत्र दिवस वाले दिन राष्ट्रीय ध्वज ऊपर बंधा रहता है। उसे खोलकर फहराया जाता है जिसे झंडा फहराना कहते हैं। ऐसे कौन से मौके होते हैं जब झंडे उलटे प्रदर्शित होते हैं? दो राष्ट्रों के बीच युद्ध के दौरान कब्जा कर लिया गया झंडा उल्टा प्रदर्शित किया जाता है।
राष्ट्रीय ध्वज आधा नीचे क्यों है?
इसे सुनेंरोकेंवास्तव में राष्ट्रीय ध्वज को आधा झुकाना राष्ट्रीय या राजकीय शोक का प्रतीक है. किसी भी व्यक्ति के निधन पर या किसी दुर्घटना के कारण मारे गए व्यक्तियों के प्रति सवेदना व्यक्त करने के उद्देश्य से राष्ट्रीय ध्वज को आधा झुकाया जाता है.
झंडा गिरने का क्या मतलब है?
26 जनवरी को झंडा कौन फहराता है और क्यों?
इसे सुनेंरोकेंवहीं, 26 जनवरी 1950 में डॉ. राजेन्द्र प्रसाद राष्ट्रपति बन चुके थे और राष्ट्रपति को देश का प्रथम नागरिक माना जाता है. यही कारण है कि तब से लेकर अब तक 26 जनवरी के दिन राष्ट्रपति तिरंगा फेहराते हैं. भारत में इन्हीं 26 जनवरी और 15 अगस्त इन्हीं दो खास दिवसों पर तिरंगा फहराया जाता है.
15 अगस्त और 26 जनवरी को झंडा फहराने में क्या अंतर है?
इसे सुनेंरोकें15 अगस्त को प्रधानमंत्री ध्वजारोहण करते हैं वहीं 26 जनवरी को राष्ट्रपति तिरंगा फहराते हैं.
तिरंगे के बीच में अशोक चक्र क्यों है?
इसे सुनेंरोकेंअशोक चक्र, जो भारत के राष्ट्र-ध्वज तिरंगा में स्थित है। अशोक चक्र में चौबीस तीलियाँ (स्पोक्स्) हैं वे मनुष्य के अविद्या से दु:ख बारह तीलियां और दु:ख से निर्वाण बारह तीलियां (बुद्धत्व अर्थात् अरहंत) की अवस्थाओं का प्रतिक है।
अशोक चक्र का रंग नीला क्यों होता है?
इसे सुनेंरोकेंअशोक चक्र का रंग नीला ही क्यों? (Why Ashoka Chakra Spokes are Blue) अशोक चक्र का नीला रंग आकाश, महासागर और सार्वभौमिक सत्य को दर्शाता है. यही कारण है कि भारत के राष्ट्रीय ध्वज की सफेट पट्टी के बीच में अशोक चक्र बना होता है.
तिरंगे में 5 रंग कौन कौन से होते हैं?
इसे सुनेंरोकेंभारत के राष्ट्रीय ध्वज की ऊपरी पट्टी में केसरिया रंग है जो देश की शक्ति और साहस को दर्शाता है। बीच की पट्टी का श्वेत धर्म चक्र के साथ शांति और सत्य का प्रतीक है। निचली हरी पट्टी उर्वरता, वृद्धि और भूमि की पवित्रता को दर्शाती है। सफ़ेद पट्टी पर बने चक्र को धर्म चक्र कहते हैं।
तिरंगे का आविष्कार कब हुआ था?
इसे सुनेंरोकेंभारत का राष्ट्रीय ध्वज अपने वर्तमान स्वरूप में पहली बार 22 जुलाई, 1947 को आयोजित संविधान सभा के दौरान अपनाया गया था। यह अंग्रेजों से भारत की आजादी की घोषणा से कुछ दिन पहले की बात है। लेकिन तिरंगा इस वर्तमान स्वरूप तक कैसे पहुंचा?
राष्ट्रीय ध्वज फट जाए तो क्या करें?
इसे सुनेंरोकेंयदि तिरंगा फट जाता है तो क्या करेंऐसे में यदि तिरंगा फट जाता है तो उसको एक लकड़ी के बॉक्स में पैक किया जाता है। इसके बाद तिरंगे को दफनाया जा सकता है या फिर अग्नि के हवाले किया जाता है। दोनों ही स्थिति बिल्कुल शांत जगह पर करनी चाहिए। साथ ही दफनाने या अग्नि क्रिया करने के बाद मौन रखा जाना अति आवश्यक होता है।
रात में झंडे क्यों उतारे जाते हैं?
इसे सुनेंरोकेंविशेषज्ञ-सत्यापित उत्तर। सामान्य तौर पर, ऐसा इसलिए है क्योंकि अधिकांश देशों में ऐसे कानून हैं जो रात में झंडे फहराने या प्रदर्शित करने पर रोक लगाते हैं , जब तक कि झंडा रोशन या रोशन न हो। अन्यथा, अधिकांश देशों में यह एक पुरानी परंपरा है।
जब झंडा उल्टा फहराया जाता है तो वह क्या संकेत देता है?
इसे सुनेंरोकेंउल्टे झंडे को आम तौर पर संकट के संकेत या आपातकालीन संकेत के रूप में पहचाना जाता है। इसका उपयोग आमतौर पर यह इंगित करने के लिए किया जाता है कि कोई व्यक्ति या समूह तत्काल खतरे में है या उसे सहायता की आवश्यकता है। जब कोई झंडा उल्टा फहराया जाता है, तो इसका मतलब तात्कालिकता की भावना या मदद के लिए पुकार है।
क्या जूता पहन कर तिरंगा फहराया जा सकता है?
इसे सुनेंरोकेंनहीं, जूतों का राष्ट्रीय ध्वज से कोई लेना-देना नहीं है। … सभी रक्षा कर्मी जूते सहित पूरी वर्दी में हैं। राष्ट्रीय ध्वज फहराने वाले व्यक्ति ने जूते पहने हुए हैं। राष्ट्रीय ध्वज फहराने या कम करने के समय जूते पहनने से राष्ट्रीय ध्वज का अनादर नहीं होता है।