ट्रेन हादसा उड़ीसा में कैसे हुआ?

इसे सुनेंरोकेंयह हादसा कोरोमंडल एक्सप्रेस ट्रेन के एक मालगाड़ी को पीछे से टक्कर मारने की वजह से हुआ. रेलवे की तकनीकी भाषा में इसे हेड ऑन कॉलिज़न कहते हैं. ऐसे हादसे आमतौर पर बहुत कम देखने को मिलते हैं. इस दुर्घटना में कोरोमंडल एक्सप्रेस के 12 डिब्बे पटरी से उतर गए.

ट्रेन हादसा में ड्राइवर का क्या हुआ?

इसे सुनेंरोकेंइस भीषण हादसे में करीबन 291 लोग मारे गए जबकि, 1100 से अधिक घायल हो गए. हादसे में ट्रेन ड्राइवर गुनानिधि मोहंती भी घायल हो गए. उनकी तीन पसलियां टूटी और सर पर भी चोटें आयी. ड्राइवर को भुवनसेश्वर के AMRI अस्पताल में भर्ती कराया गया था.

ट्रेन से उसका पैर कैसे टूटा?

उड़ीसा ट्रेन हादसा में कितने लोग मारे गए?

2962023 ओडिशा ट्रेन टक्कर / मरने वाले लोगों की संख्या

ओडिशा ट्रेन दुर्घटना का ड्राइवर कौन है?

इसे सुनेंरोकेंचेन्नई जाने वाली कोरोमंडल एक्सप्रेस के 49 वर्षीय लोको पायलट गुणनिधि मोहंती , 36 वर्षीय सहायक लोको पायलट हजारी कुमार बेहरा के साथ ट्रेन चला रहे थे, जब ट्रेन पहली बार एक लौह अयस्क से लदी मालगाड़ी से टकराई, जो खड़ी थी। 2 जून की शाम को बालासोर जिले के बहनागा बाजार स्टेशन की लूप लाइन।

रेलवे ट्रैक पर पत्थर लगाने से क्या होता है?

इसे सुनेंरोकेंरेलवे ट्रैक पर बड़े, सख्त पत्थर रखना बेहद खतरनाक है और इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं। यह गैरकानूनी है और बर्बरता या तोड़फोड़ का कार्य माना जाता है। ऐसा करने से ट्रेन को गंभीर क्षति हो सकती है, पटरी से उतर सकती है, या यहां तक ​​कि यात्रियों और रेलकर्मियों की जान को भी खतरा हो सकता है।

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