बाजार हिस्सेदारी के मामले में ओला भारत में उबर से काफी आगे है । एक रिपोर्ट के मुताबिक, 2022 में भारत के राइड-हेलिंग मार्केट में ओला की 59% बाजार हिस्सेदारी थी, जबकि उबर की 41% बाजार हिस्सेदारी थी। हालाँकि, दोनों कंपनियों को रैपिडो और मेरु कैब्स जैसी अन्य राइड-हेलिंग सेवाओं से कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ा है।
उबर टैक्सियों से ज्यादा लोकप्रिय क्यों है?
उबर ग्राहक आमतौर पर वहां पहुंच जाते हैं जहां वे टैक्सियों की तुलना में तेजी से या सस्ते में जा रहे होते हैं। पार्टी में शामिल होने वाले लोग देर रात तक अपने ऐप्स के माध्यम से उपलब्ध उबर ड्राइवरों को ढूंढने में सक्षम होने पर भरोसा कर सकते हैं। उबर का संयोजन और ऑनलाइन किराना डिलीवरी का विस्तार कार के बिना रहना अधिक व्यावहारिक बना रहा है।
उबेर और टैक्सी में क्या अंतर है?
पारंपरिक टैक्सियों को आम तौर पर स्थानीय सरकारों द्वारा विनियमित किया जाता है, उनकी किराया दरें निश्चित होती हैं, और सड़क पर उनका स्वागत किया जा सकता है या पहले से बुक किया जा सकता है। दूसरी ओर, उबर एक अलग बिजनेस मॉडल के तहत काम करता है। यह एक प्रौद्योगिकी मंच है जो स्वतंत्र ड्राइवरों को स्मार्टफोन ऐप के माध्यम से यात्रियों से जोड़ता है ।