क्या ट्रेन में सफर करना लड़कियों के लिए सुरक्षित है?

इसे सुनेंरोकेंमहिलाओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए 10 अक्टूबर 2020 में भारतीय रेल सेवा ने 'मेरी सहेली' सुरक्षा योजना की शुरुआत की थी। इसमें लेडी आरपीएफ स्टाफ (एक महिला सब इंस्पेक्टर और 2/3 महिला कांस्टेबल) की दो टीमें बनाई गई हैं, जो लंबी दूरी की ट्रेनों में ड्यूटी करती हैं और महिला यात्रियों की सुरक्षा के लिए काम करती हैं।

रेलवे में लड़कियों का क्या काम होता है?

इसे सुनेंरोकेंअपनी कैटेगरी बदलने के लिए आवेदन दे सकती हैं ये महिलाएंसहायक ट्रेन चालकों को सहायक लोको पायलट के रूप में भी जाना जाता है. पटरी की देखरेख करने वाली महिला कर्मियों और सहायक लोको पायलट के संगठनों ने उनके काम की परिस्थितियों को बहुत कठिन और असुरक्षित बताया है, इसलिए वे अपनी नौकरी की श्रेणी को बदलना चाहती हैं.

रेल की सवारी करते समय लड़कियों को किन समस्याओं का सामना करना पड़ा?

ट्रेन में लेडीस के लिए कौन सी बर्थ बेहतर है?

इसे सुनेंरोकेंकुछ ट्रेनों में, उम्र की परवाह किए बिना महिलाओं के लिए स्लीपर क्लास (एसएल) और सेकेंड सीटिंग क्लास (2एस) में महिला कोटा के तहत कुल 6 बर्थ निर्धारित की जाती हैं। महिलाओं के लिए इस कोटा का उपयोग करने पर कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं है। लेडीज़ कोटा के तहत टिकट बुक करने के लिए, आईआरसीटीसी पर कोटा विकल्प के तहत “लेडीज़” का चयन करना होगा।

क्या लड़कियों के लिए ट्रेन में अकेले यात्रा करना सुरक्षित है?

इसे सुनेंरोकेंभारत में महिलाओं के लिए अकेले यात्रा करना काफी सुरक्षित है । कई विदेशी और भारतीय महिलाएं अकेले यात्रा करती हैं। सामान्य सावधानियाँ आपको वैसी ही बरतनी चाहिए जैसी आप घर पर लेते हैं। आप शहरों के बीच यात्रा करने के लिए ट्रेन से यात्रा कर सकते हैं या स्थानीय परिवहन का उपयोग कर सकते हैं।

क्या ट्रेन में लेडीज कम्पार्टमेंट है?

इसे सुनेंरोकेंमहिला स्पेशल कोचों के अलावा स्लीपर और थर्ड एसी डिब्बों में महिला कोटे में 4-6 बर्थ पहले से ही आरक्षित हैं। प्रत्येक स्लीपर क्लास में 6 निचली बर्थ आरक्षित हैं और प्रत्येक तीसरे टियर और दूसरे टियर कोच में 3 निचली बर्थ महिला वरिष्ठ नागरिक और गर्भवती महिलाओं के लिए आरक्षित हैं।

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