रेलवे टिकट कितने प्रकार के होते हैं?

यात्रा टिकट : यात्रा टिकट 3 प्रकार के होते है.

  • छपे कार्ड टिकट
  • कागजी टिकट
  • विशेष प्रकार के टिकट

जनरल टिकट का मतलब क्या है?

इसे सुनेंरोकेंजनरल बोगी में बिना टिकट रिजर्व कराए ही सफर किया जा सकता है. आमतौर पर कम दूरी की यात्रा के लिए लोग जनरल बोगी में ही सफर करते हैं. जनरल डिब्‍बे लगभग हर ट्रेन में होते हैं. लेकिन, रेलवे के जनरल टिकट का ऐसा नियम है, जिसके बारे में रेलवे के डेली पैसेंजर्स को भी पता नहीं है.

ऑनलाइन टिकट बुक करने से क्या होता है?

इसे सुनेंरोकेंई-टिकट को रेलवे काउंटर पर जानते बिना ही घर से या फिर किसी कंप्यूटर कैफे वाले से ऑनलाइन बुक किया जाता है. इसकी वैधता रेलवे बुकिंग काउंटर से जारी टिकट के समान ही होती है. गौरतलब है कि ई-टिकट से यात्रा करने वाले यात्रियों को अपने साथ अपना एक सरकारी पहचान-पत्र (आधार कार्ड) रखना जरुरी होता है.

ऑनलाइन ट्रेन टिकट और सामान्य टिकट में क्या अंतर है?

कौन सा टिकट सबसे पहले कन्फर्म हो जाता है?

इसे सुनेंरोकें-जनरल वेटिंग टिकट को पहली प्राथमिकता दी जाती है. जनरल वेटिंग लिस्ट में टिकट कैंसिल होने के चांस भी ज्यादा होते हैं. इसलिए यह टिकट पहले कन्फर्म होगी.

क्या हम किसी ट्रेन में जनरल टिकट का इस्तेमाल कर सकते हैं?

इसे सुनेंरोकेंरेलवे नियमों के अनुसार, एक बार सीट आरक्षित करने के बाद, आपको अगली ट्रेन में चढ़ने के लिए उसी टिकट का उपयोग करने की अनुमति नहीं है। अगर आपके पास बिना रिजर्वेशन वाला जनरल टिकट है तो आप उसी टिकट पर उसी दिन दूसरी ट्रेन से यात्रा कर सकते हैं।

कितना वेटिंग टिकट कन्फर्म हो सकता है?

इसे सुनेंरोकेंवहीं, फर्स्ट व सेकेंड एसी में लिमिट से अधिक वेटिंग टिकट नहीं कटता है। स्लीपर कोच में जितनी सीटें होती हैं, उससे 40-50 फीसदी तक अधिक वेटिंग टिकट रेलवे काट रहा है। लेकिन, इनमें से 4-5 फीसदी वेटिंग टिकट ही कंफर्म हो पाता है। एसी कोच में तो दो-तीन वेटिंग भी कंफर्म नहीं हो पाता है।

ऑनलाइन टिकट कंफर्म नहीं होने पर क्या होता है?

इसे सुनेंरोकेंअगर आपने वेटिंग टिकट बुक किया है और चार्ट बनने के बाद भी टिकट कंफर्म नहीं होता है तो वह ई-टिकट इनवैलिड हो जाता है. इसका मतलब ये हुआ है कि अगर आपका ई-टिकट वेटिंग में है तो आप ऐसे टिकट के साथ ट्रेवल नहीं कर सकते हैं.

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