इसे सुनेंरोकेंइंडो-इस्लामिक वास्तुकला भारतीय उपमहाद्वीप की वास्तुकला है जो इस्लामी संरक्षकों और उद्देश्यों द्वारा और उनके लिए निर्मित की गई है। सिंध में प्रारंभिक अरब उपस्थिति के बावजूद, 1193 में घुरिद राजवंश की राजधानी के रूप में दिल्ली की स्थापना के साथ इंडो-इस्लामिक वास्तुकला का विकास ईमानदारी से शुरू हुआ।
भारत में इस्लामी शासन के आगमन के साथ भारत में मौजूदा वास्तुकला कैसे विकसित हुई?
इसे सुनेंरोकेंमुसलमानों ने स्थानीय स्थापत्य परंपराओं के कई पहलुओं को आत्मसात किया और उन्हें अपनी प्रथाओं में मिला दिया। वास्तुकला की दृष्टि से, विभिन्न शैलियों के वास्तुशिल्प तत्वों के निरंतर समामेलन के माध्यम से कई तकनीकों, शैलीबद्ध आकृतियों और सतह की सजावट का मिश्रण विकसित हुआ।
हिंदू मुस्लिम वास्तुकला क्या है?
इसे सुनेंरोकेंसंक्षेप में मुसलमानों का हिंद-इस्लामी वास्तुकला में गहरा और दिलचस्प योगदान था । उनके द्वारा लाई गईं स्थापत्य विशेषताओं में मेहराब, गुंबद, मीनार, लंबित, बगली डाट मेहराब, अर्द्ध गुंबद वाले दोहरे प्रवेशद्वार, छतरियां और निर्माण में कंकरीट का प्रयोग शामिल है ।Cached
इस्लामी वास्तुकला की विशेषताएं क्या हैं?
इसे सुनेंरोकेंचापों और धरनों के प्रयोग की शुरूआत इस्लामी वास्तुकला के मुख्य तत्व हैं और यह भवन निर्माण की चापाकार शैली है जबकि पारंपरिक भारतीय भवन-निर्माण शैली धरणिक (शहतीर छवाई) है जिसमें स्तंभो और धरनों तथा लिंटेल का प्रयोग किया जाता है। गुलाम वंश के आरंभिक भवनों में असली इस्लामी भवन-निर्माण शैलियों का प्रयोग नहीं किया गया।
भारत में इस्लामी वास्तुकला की शुरुआत कब हुई?
इसे सुनेंरोकेंहालाँकि सिंध प्रांत पर अरबों ने 712 में ही कब्ज़ा कर लिया था, लेकिन उपमहाद्वीप में जीवित रहने वाले इस्लामी वास्तुकला के सबसे पुराने उदाहरण 12वीं शताब्दी के अंतिम वर्षों के हैं ; वे दिल्ली में स्थित हैं, जो सदियों से मुस्लिम शक्ति का मुख्य केंद्र रहा है।
भारत में मेहराब और गुंबद वास्तुकला की शुरुआत किसने की थी?
इसे सुनेंरोकेंविशेषज्ञ-सत्यापित उत्तरभारत में मेहराबों को वर्ष 1206 के दौरान कुतुब अल-दीन ऐबक द्वारा लाया गया था। गुंबदों को फ़ारसी वास्तुकार द्वारा 1500 के दशक के दौरान तुर्कों द्वारा पेश किया गया था। मीनारों का निर्माण कुतुब-उद-दीन ऐबक द्वारा करवाया गया था।
निम्नलिखित में से कौन इस्लामी प्रभाव दिखाने वाली हिंदू वास्तुकला का एक उदाहरण है?
इसे सुनेंरोकेंगोल गुंबद कर्नाटक के बीजापुर में स्थित है। यह बीजापुर के आदिल शाही राजवंश (1489-1686) के सातवें सुल्तान मुहम्मद आदिल शाह (1626-1656) का मकबरा (कब्रों का समूह) है। स्वयं शासक द्वारा निर्मित, यह अधूरी होने के बावजूद एक उल्लेखनीय इमारत है।
इस्लामी वास्तुकला की शुरुआत कब हुई?
इसे सुनेंरोकेंइस्लाम की वास्तुकला बहुत व्यापक कालानुक्रमिक और भौगोलिक विस्तार को कवर करती है। इस स्थापत्य परंपरा का जन्म लगभग 1,400 वर्ष पहले सातवीं शताब्दी के पूर्वार्द्ध में हुआ था।
इस्लामी वास्तुकला किसने बनाई?
इसे सुनेंरोकेंप्रतीकात्मक रूप से इस्लाम की वास्तुकला का जन्म पैगंबर मुहम्मद द्वारा 622 में मदीना में अपने घर और मस्जिद के निर्माण से पता लगाया जा सकता है, जो हिजरा का वर्ष है, या मक्का से मदीना तक पैगंबर की तीर्थयात्रा, पहली की स्थापना इस्लामी राज्य, और इस्लामी कैलेंडर की शुरुआत।
भारत में वास्तुकला का जनक कौन है?
इसे सुनेंरोकेंसही उत्तर राणा कुम्भा है। राणा कुम्भा (1433-1468 ईस्वी):
भारत में सबसे महत्वपूर्ण इस्लामी वास्तुकला कौन सी है?
इस्लामी वास्तुकला में किस प्रकार के गुंबद का सबसे अधिक उपयोग किया जाता है?
इसे सुनेंरोकेंअपने प्याज के गुंबद के साथ, भारत के आगरा में ताज महल का मकबरा, जिसे 1632-1648 ईस्वी के बीच शाहजहाँ (मुगल शासक) ने अपनी पसंदीदा पत्नी के मकबरे के रूप में बनवाया था, इस्लामी वास्तुकला में सबसे प्रसिद्ध गुंबदों में से एक है (चित्र)।
इस्लामी वास्तुकला कहां पाई जाती है?
इसे सुनेंरोकेंइस्लामी वास्तुकला मुख्य रूप से अरब राज्यों और दुनिया भर के मुस्लिम-बहुल देशों के साथ-साथ स्पेन और पुर्तगाल जैसे अरब या इस्लामी इतिहास वाले यूरोपीय देशों में भी पाई जा सकती है। इसके कुछ प्रमुख तत्वों में ज्यामितीय डिज़ाइन, नुकीले मेहराब और गुंबद शामिल हैं।
इस्लामी वास्तुकला के संस्थापक कौन है?
इसे सुनेंरोकेंप्रतीकात्मक रूप से इस्लाम की वास्तुकला का जन्म पैगंबर मुहम्मद द्वारा 622 में मदीना में अपने घर और मस्जिद के निर्माण से पता लगाया जा सकता है, जो हिजरा का वर्ष है, या मक्का से मदीना तक पैगंबर की तीर्थयात्रा, पहली की स्थापना इस्लामी राज्य, और इस्लामी कैलेंडर की शुरुआत।
भारत की सबसे पुरानी वास्तुकला कौन सी है?
इसे सुनेंरोकेंइस स्मारक की विशेषताओं के रूप में कोई गुंबद, ऊंची मीनारें और विशाल प्रांगण देख सकता है। भारत की सबसे पुरानी इमारत कौन सी है? सांची स्तूप भारत की सबसे पुरानी इमारत है। यह देश में सिंधु घाटी सभ्यता के समय से ही सीना ताने खड़ा है।
भारत का सबसे बड़ा गुम्बद कहाँ है?
इसे सुनेंरोकेंभारत के सबसे बड़े गुंबद की बात करें, तो यह गोल गुंबद है, जो कि कर्नाटक के बीजापुर में स्थित है। इस गोल गुंबद को भारत का सबसे बड़े गुंबद का दर्जा प्राप्त है, जो कि कई सालों से अपने स्थान पर खड़े होकर इतिहास की गवाही दे रहा है।
निम्नलिखित में से कौन इस्लामी वास्तुकला में प्रयुक्त एक सामान्य तत्व था?
इसे सुनेंरोकेंइस्लामी वास्तुकला के मुख्य वास्तुशिल्प तत्व गुंबद, मेहराब और मुकर्नस वॉल्ट हैं। ये रूप इस शैली की सभी इमारतों में पाए जा सकते हैं।
इस्लामी वास्तुकला का सबसे बड़ा आविष्कार क्या है?
इसे सुनेंरोकेंमीनार मीनार इस्लामी वास्तुकला का सबसे बड़ा आविष्कार है। यह संरचना एक मस्जिद के लिए एक केंद्र बिंदु के रूप में महत्वपूर्ण है और इसका उपयोग कॉल करने के लिए भी किया जाता है…
इस्लामी कला के 3 प्रकार कौन से हैं?
इसे सुनेंरोकेंइस्लामी आभूषण के चार बुनियादी घटक सुलेख, वनस्पति पैटर्न, ज्यामितीय पैटर्न और आलंकारिक प्रतिनिधित्व हैं ।
भारत की वास्तुकला क्या है?
इसे सुनेंरोकेंकई वास्तुशिल्प शैलियों और परंपराओं में से, सबसे प्रसिद्ध में हिंदू मंदिर वास्तुकला और इंडो-इस्लामिक वास्तुकला की कई किस्में शामिल हैं, विशेष रूप से राजपूत वास्तुकला, मुगल वास्तुकला, दक्षिण भारतीय वास्तुकला और इंडो-सारसेनिक वास्तुकला।
भारत में वास्तुकला की शुरुआत कब हुई थी?
इसे सुनेंरोकेंछठी शताब्दी ईस्वी तक उत्तर और दक्षिण भारत में मंदिर वास्तुकला शैली लगभग एकसमान थी, लेकिन छठी शताब्दी ई. के बाद प्रत्येक क्षेत्र का भिन्न-भिन्न दिशाओं में विकास हुआ। आगे ब्राह्मण हिन्दू धर्म के मंदिरों के निर्माण में तीन प्रकार की शैलियों नागर, द्रविड़ और बेसर शैली का प्रयोग किया गया।