इसे सुनेंरोकेंभारत का सबसे पुराना हाईवे जीटी रोड या ग्रैंड ट्रंक रोड (GT Road) है. इसका निर्माण चंद्रगुप्त मौर्य के शासन काल का बताया जाता है. हालांकि, 16वीं शताब्दी में दिल्ली के सुल्तान रहे शेरशाह सूरी ने इसे पक्का करवाया था. उन्होंने इस मार्ग पर जगह-जगह कोस मीनार, पेड़ और सराय का निर्माण कराया था.
जीटी रोड का क्या मतलब होता है?
इसे सुनेंरोकेंग्रैंड ट्रंक रोड, दक्षिण एशिया के सबसे पुराने एवं सबसे लम्बे मार्गों में से एक है। दो सदियों से अधिक काल के लिए इस मार्ग ने भारतीय उपमहाद्वीप के पूर्वी एवं पश्चिमी भागों को जोड़ा है। यह हावड़ा के पश्चिम में स्थित बांगलादेश के चटगाँव से प्रारंभ होता है और लाहौर (पाकिस्तान) से होते हुए अफ़ग़ानिस्तान में काबुल तक जाता है।
भारत की पहली सड़क कौन सी है?
इसे सुनेंरोकेंभारत में बनने वाली पहली सड़क ग्रैंड ट्रंक रोड थी, जिसे राष्ट्रीय राजमार्ग 1 के नाम से भी जाना जाता है । इसका निर्माण 16वीं शताब्दी में सम्राट शेरशाह सूरी के शासनकाल के दौरान किया गया था और यह आधुनिक भारत और पाकिस्तान के कलकत्ता और पेशावर शहरों को जोड़ता था।
भारत में सबसे पहली सड़क कौन सी है?
इसे सुनेंरोकेंभारत का सबसे पुराना हाईवे जीटी रोड या ग्रैंड ट्रंक रोड (GT Road) है. बताया जाता है कि इसका निर्माण चंद्रगुप्त मौर्य के शासनकाल के दौरान हुआ था. हालांकि, इसे सोलहवीं शताब्दी में शेरशाह सूरी ने पक्का कराया था.
जीटी रोड के जनक कौन है?
इसे सुनेंरोकेंशेरशाह सूरी ने ग्रांड ट्रंक रोड यानी जीटी रोड बनवाया था।
भारत में पहली जीटी रोड किसने बनाई?
इसे सुनेंरोकेंग्रैंड ट्रंक रोड या जीटी रोड का निर्माण शेरशाह सूरी ने करवाया था। यह एशिया की सबसे लंबी और पुरानी सड़कों में से एक है। यह लगभग 3710 किमी लंबा है और मध्य एशिया को भारतीय उपमहाद्वीप से जोड़ता है।
भारत की सबसे प्रसिद्ध सड़क कौन सी है?
इसे सुनेंरोकेंराष्ट्रीय राजमार्ग नंबर 1 को शेर शाह सूरी मार्ग के नाम से जाना जाता है। यह अंबाला और जालंधर के रास्ते दिल्ली को अमृतसर से जोड़ता है। पहले इसे ग्रैंड ट्रंक रोड (GT रोड) के नाम से जाना जाता था। इसे शेर शाह सूरी ने 16वीं शताब्दी में बनवाया था।
भारत के अंतिम सड़क कौन सी है?
इसे सुनेंरोकेंभारत की आखिरी सड़क का नामतमिलनाडु के दक्षिण-पूर्व में मौजूद है धनुषकोडी. ये जगह रामेश्वरम द्वीप के किनारे मौजूद हैं और इसे भारत-श्रीलंका की स्थलीय सीमा के रूप में भी जाना जाता है. इसका क्षेत्रफल सिर्फ 50 गज का है और आधार बालू का एक ढेर है.
कैनकन में सबसे प्रसिद्ध सड़क कौन सी है?
भारत की सबसे बड़ी सड़क का नाम क्या है?
इसे सुनेंरोकेंराष्ट्रीय राजमार्ग ४४ (National Highway 44, NH 44) भारत का सबसे लम्बा राजमार्ग है। यह उत्तर में श्रीनगर से आरम्भ होकर दक्षिण में कन्याकुमारी में समाप्त होता है।
जीटी रोड किस लिए प्रसिद्ध है?
इसे सुनेंरोकेंसदियों से, सड़क ने इस क्षेत्र में प्रमुख व्यापार मार्गों में से एक के रूप में काम किया और यात्रा और डाक संचार दोनों की सुविधा प्रदान की। ग्रैंड ट्रंक रोड का उपयोग अभी भी वर्तमान भारतीय उपमहाद्वीप में परिवहन के लिए किया जाता है, जहां सड़क के कुछ हिस्सों को चौड़ा किया गया है और राष्ट्रीय राजमार्ग प्रणाली में शामिल किया गया है।
भारत का सबसे पुराना रोड कौन सा है?
इसे सुनेंरोकेंभारत का सबसे पुराना हाईवे जीटी रोड या ग्रैंड ट्रंक रोड (GT Road) है. बताया जाता है कि इसका निर्माण चंद्रगुप्त मौर्य के शासनकाल के दौरान हुआ था. हालांकि, इसे सोलहवीं शताब्दी में शेरशाह सूरी ने पक्का कराया था.
धनुषकोडी क्यों प्रसिद्ध है?
इसे सुनेंरोकेंइसे भुतहा शहर माना जाता है, क्योंकि यह स्थान रहने लायक नहीं रह गया है । धनुषकोडी बीच पर आज भी कई पर्यटक आते हैं। समुद्र तट का मुख्य आकर्षण राम सेतु दृश्य बिंदु है, जिसे एडम ब्रिज के नाम से भी जाना जाता है, जिसके बारे में कहा जाता है कि इसका निर्माण हिंदू किंवदंती के अनुसार भगवान राम के लिए वानरों (बंदरों) की सेना द्वारा किया गया था।
जीटी रोड कहां स्थित है?
इसे सुनेंरोकेंग्रैंड ट्रंक रोड (जीटी रोड) दक्षिण एशिया में फैली सबसे पुरानी और सबसे लंबी सड़कों में से एक है। यह 1,500 मील (2,500 किमी) से अधिक है और काबुल से लाहौर, दिल्ली होते हुए पश्चिम बंगाल में कोलकाता और बांग्लादेश में चटगांव तक फैला हुआ है।
शेर शाह सूरी मार्ग कौन सा है?
इसे सुनेंरोकेंशेरशाह सूरी मार्ग को भारत में राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 1 (NH1) के नाम से भी जाना जाता है। यह पुराने ग्रैंड ट्रंक रोड का एक प्रमुख हिस्सा है, जो एक ऐतिहासिक व्यापार मार्ग है जो भारतीय उपमहाद्वीप से होकर बांग्लादेश से अफगानिस्तान तक जाता है।
धनुषकोडी भूतों का शहर क्यों है?
इसे सुनेंरोकें1964 में, धनुषकोडी में त्रासदी हुई जब एक भयंकर चक्रवात ने इस क्षेत्र को अपनी चपेट में ले लिया, जिससे अभूतपूर्व विनाश हुआ और लोगों की जान चली गई। शहर को खंडहर में छोड़ दिया गया था, और सरकार ने इसे रहने के लिए अनुपयुक्त घोषित कर दिया , और इसे रातोंरात एक भूतिया शहर में बदल दिया।
धनुषकोडी डूबा हुआ है?
इसे सुनेंरोकेंइसके परिणामस्वरूप, उत्तर से दक्षिण तक 7 किलोमीटर (4.3 मील) तक फैला लगभग 0.5 किलोमीटर (0.31 मील) चौड़ा भूमि का एक टुकड़ा समुद्र के नीचे डूब गया। 17 दिसंबर 1964 को, दक्षिण अंडमान सागर में 5°N 93°E पर एक उष्णकटिबंधीय अवसाद बना।